
विरह भाव :श्री कृष्णा (shri Krishna)
विरह भाव : श्री कृष्णा (shri Krishna)

विरह भाव :
कृष्ण(krishna) कहते हैं
अपने प्रेमी जनों का याद आना तो अच्छा है
प्रिय जनों का स्वप्न आए तो अच्छा लगता है
जब नंदबाबा यशोदा मैया पंच सखा गोपियों के स्वप्न तक तो कोई तकलीफ नहीं होती है
पर जब उसमे श्री राधे जू का स्वप्न आए तो अच्छा नहीं लगता
तब मैं अवतार कार्य भूल जाता हूँ
क्यों आया धरती पर वह भूल जाता हूँ
तब मुझे तकलीफ होती है
क्यों मैं अवतार कार्य के लिए आया मुझे तो राधा के पास रहना चाहिए
मैं श्री कृष्णा(krishna) राधा प्रेम सरोवर का हंस हूँ सिर्फ एक हंस हूँ
Aniket dwivedi
Pravachan by morari bapu