
बिहारी जी के लिए एक भक्त का बहुत ही प्यारा भाव

हे बिहारी जी
भीड़ में भी सुकून मिलता है
शोर में भी शांति मिलती है
हे बिहारी जी आपके दरबार की तो बात ही निराली है
तेरे दर पर आकर फकीर भी खुद को बादशाह समझता है
जिसे कभी किसी ने ना चाहा हो वह तेरी चाहत पाकर मचलता है
जहां आकर अकेलापन का पर्दा सदा के लिए उठ जाता है
हे बिहारी जी आपके दरबार की तो बात ही निराली है
कैसे हो निहारु तुम्हें दो नैनो की तकरार में सब सिमट जाता है
तेरे दर पर आकर मेरा रोम रोम खिल जाता है
जिनकी कीमत नहीं समझते अपने वो यहां आकर अनमोल हो जाता है
कौड़ी की कीमत वाले यहां हीरे के मोल बिक जाता है
हे बिहारी जी आपके दरबार की तो बात ही निराली है
sapna haridasi
jay ho💕
Virasat Admin
🙂