एक सुकून पाने की तलाश में कितनी बेचैनिया पाल ली ‘
लोग कहते है हम बड़े हो गए और हमने जिंदगी संभाल ली
कहते ज्यादा की चाहा रखना ज्यादा पाना गलत नहीं है। लेकिन इन सभी चाहत को ही सब कुछ समँझ लेना ये गलत है। हमने इतनी तारीकी कर ली। और सब पाते गए आगे से पर पीछे से अपनी शांति(peace) को खोते गए है। पर शायद हम सभी ये बात भूल गए
प्रगति उचे मकान में नहीं है प्रगति उचे मुकाम में है
हम सभी जिस और भाग रहे है एक दिन हम सभी को मुड़कर वापस लौटना पड़ेगा। क्यूंकि जंहा हम शांति(peace) खोज रहे है वंहा शांति नहीं है एक दिन हमें अपनी संस्कृति की पहचान होगी। क्यूंकि सब कुछ मिल रहा फिर भी अंदर से खाली है। हम सभी हमेशा शांति और सुकून की तलाश में रहते है। आज हम सभी वंहा उलझे है जंहा सब बेवजये है।
शांति क्यों खो दी है आज हमने?:-
- हम सभी मुस्कुराने के लिए वजह ढूंढ़ने लगे।
- अपनों से बात करने में बीच में अहंकार को लाने लगे है।
- बच्चो का बचपना हमारे सामने उनसे दूर हो रहा है और फिर भी हम अपनी सपनो की दुनिया में खोये बैठे है।
- हम दुसरो की तरह दिखना चाहते है लेकिन भगवान ने ये कभी नहीं चाहा की तुम किसी के जैसे दिखो तुम्हारी पहचान सबसे अलग बनाई।
अगर शांति और सुकून में जीन चाहते हो:-
अगर शांति और सुकून में जीन चाहते हो तो अपनी जो जड़ है संस्कार उसको मत टूटने दो उसको मत छूटने मत दो। संस्कार हमारी नीव है। कहते है नीव जितनी मजबूत होती मकान उतना ही मजबूत होता है। हम सभी अपनी संस्कृति से दूर होकर दूसरी और भाग रहे है। लेकिन अगर हमरी नीव हिल गयी तो हमारे देश को गिरने से कोई नहीं बचा सकता।
- दूसरों के चेहरे पे हँसी देना शुरू कर दो देखना तुम्हारे चहेरे पे हँसी खुद पे खुद आ जाएगी।
- दो पल इन आँखों को बंद करके उस ईश्वर का धन्यवाद करो हर उस बात के लिए जो तुम्हे पता हो या न हो।
- दुसरो की जैसा बनाने की कोशिश मत करो तुम खुद को ऐसा बना लो सब आपके जैसा बनाना चाहे।
aashima
TRue
we lost peace today but now we got some good thoughts from you..NYC
virasat_admin
Thnkyou
virasat_admin
एक सुकून पाने की तलाश में कितनी बेचैनिया पाल ली ‘
लोग कहते है हम बड़े हो गए और हमने जिंदगी संभाल ली