
राधा रानी भक्त गुलाब सखी की कहानी सच्ची भक्ति कभी खाली नहीं जाती
राधा रानी भक्त गुलाब सखी
श्री बरसाने में प्रेम सरोवर के मार्ग पर एक समाधी बनी हुई है। जिसे हर कोई गुलाब सखी(Gulab Sakhi) के चबूतरे(chabutra) के नाम से जानते है। एक भक्त का नाम गुलाब(Gulab)था। गुलाब एक गरीब मुस्लमान था। श्री राधा रानी सब पर कृपा करती है। ये बात सभी भक्त जानते है। गुलाब बरसाने में श्री जी के मंदिर में सारंगी बजाता था। और जो पैसा मिल जाता था उससे अपना पेट पालते थे। इसकी एक बेटी थी जिसका नाम था राधा(Radha)।
जब भजन कीर्तन गायन होता था तो वो लड़की बड़ा भाव विभोर होकर राधा रानी के सामने नृत्य करती थी। जब कन्या बड़ी हुई तो लोगो ने कहना शुरू कर दिया गुलाब अब तो तेरी बेटी जवान हो गई है। अब इसके लिए कोई लड़का देख ना। तो उस भक्त ने कहा की राधा रानी की बेटी है जब वो कृपा करेगी तो शादी हो जाएगी। मेरे पास इतना पैसा नही है की मैं व्यवस्था कर सकू। लोगो ने कहा की तुम लड़का तो देखो व्यवस्था हम कर देंगे। तो उस भक्त गुलाब ने एक लड़का देखा और बेटी का विवाह कर दिया।
बेटी चली गई अपनी ससुराल। 3 दिन हो गए पर बेटी को भुला नही पा रहा है। खाना-पीना सब छूट गया। ना सारंगी बजाई, ना समाज गायन में गया लेकिन एक दिन रात्रि को श्री जी के मंदिर के द्वार पर बैठ गया।
श्री राधा जी गुलाब सखी से बोली :-
ठीक रात्रि के 12 बजे उसे एक आवाज सुनाई दी। तभी एक छोटी सी बालिका उसे दौड़ती हुई दिखाई दी और गुलाब सखी(gulab sakhi) के पास आई और बोली की बाबा, बाबा। आज सारंगी नाय बजायेगो? मैं नाचूंगी।
जब उसने आँख खोल के देखा तो एक सुंदर बालिका खड़ी है। उसने पास रखी सारंगी उठाई और बजाना शुरू कर दिया। वो लड़की नृत्य करते हुए सीढ़ियों की और भागी। गुलाब ने अपनी सारंगी(sarangi) रख दी और राधा राधा(radha radha) कहते हुए उस लड़की की और दौड़ा। लेकिन उसके बाद वो वहां किसी को नही दिखा। श्री जी(shri ji) में समां गया। लोगो ने सोचा की इसका खाना पीना छूट गया था कहीं ऐसा तो नही की पागल होकर मर गया हो।
गोस्वामी(Goswami) जी के सामने अचानक गुलाब सखी आ गए :-
लोग भूल गए महीनो निकल गए। लेकिन एक दिन रात्रि में गोस्वामी जी राधा रानी को शयन करवा कर मंदिर की परिक्रमा में आ रहे थे। तो झाड़ी के पीछे से निकला।
पुजारी ने पूछा की कौन है?
वो बोला-तिहारो गुलाब।
पुजारी ने कहा की-गुलाब तो मर गया है।:- उसने कहा की मैं मरा नही हूँ श्री जी(shri ji) के परिकर(parikar) में सम्मिलित हो गया हूँ।
गोस्वामी(Goswami) जी ने पूछा की कैसे?:-
तो उसी समय गुलाब ने गोस्वामी जी के हाथ में पान की बिरि रखी जो अभी अभी राधा रानी को शयन के समय भोग लगा के आये थे। इतना कह कर वो झाड़ियों के अंदर चला गया और फिर कभी नही दिखा।
आज भी बरसाने में गुलाब सखी(Gulab Sakhi) जी की समाधि(samadhi) है। जिसे गुलाब सखी का चबूतरा कहते है।
आपके मन में ये प्रश्न हो सकता है की उसने अपनी बेटी को याद किया था तो उसकी मुक्ति कैसे?
राधा(radha) कोई साधारण नाम नही है। ये महाशक्ति(mahashakti) का नाम है। इस नाम की महिमा वही जान सकते है जिसने इस नाम को लिया होगा इस नाम के संग जिया होगा।
जो राधा नाम लेता है उसके आगे भगवान विष्णु चलते है। पीछे भगवान शिव चलते है। दाहिने इंद्र वज्र लेके चलता है और बांये वरुण उसके ऊपर छात्र लेके चलता है।
यदि राधा नाम भूल से भी निकल जाये तो भी राधा रानी उसे अपना लेती है।
कमेंट में आप लिखे दो शब्द राधा रानी के बारे में या जो आपके ऊपर कृपा हुए हो उसके बारे में।
Manoj prasad
Mai jayada to nahi janta hu par Etna to jajur janta hu ki his par Radha pyari ki pripa ho jaye WO bhawsagar par ho kayega.
virasat-admin
sahi kaha apne. shri Radhe
Pintu
Radhey radhey
hamari virasat
Radhe radhe
Ram shinde
Jay shri radhe
admin
jai shri Radhe
Santosh Sharma
राधे राधे
में आपको एक अपने साथ घटित एक घटना बताता हूं।
एक बार में श्री गोवेर्धन धाम की परिक्रमा करने गया था, और परिक्रमा करके हम लोग श्री मानसी गंगा पर मुखारविंद मंदिर पर गए। वहा पूजा करने के बाद जैसे ही में दण्डवत प्रणाम करना चाहा तो देखा वहा मंदिर में जल और ब्रज रज फैली हुई थी, तो मैंने सोचा कि अगर मैने दंडवत प्रणाम किया तो मेरे कपड़े गंदे होजाएंगे और मैने दण्डवत प्रणाम नही किया।
और उसके बाद मैंने मानसी गंगा पर दीपक करने के लिए पहुचा तो जैसे ही मैने पहली सीढ़ी पर पैर रखा तो वहा काई होने की बजह से मैने फिसल करके सीधा पहली सीढ़ी से चौथी सीढ़ी पर गिरा और मेरे कपड़े ऐसे हरे होगये जैसे कि मैने बॉउंड्री लाइन पर 4 रन रोकने की लिए dive लगाया हो, लेकिन मेरे को कोई भो चोट या दर्द नही हुआ, लगा कि किसी ने मेरे को हाथ में उठाकर बैठा दिया हो।
उसके बाद दण्डवत प्रणाम करने के टाइम पर कभी यह विचार नही आता हैं की कही कपड़े गन्दे न होजेए। क्यंकि जो भी हमारे पास हैं वो सबकुछ श्री राधा रानी की दया से श्री गिरिराज जी ने ही तो दिया हैं।
इएलिये मेरा यह मानना हैं कि हर समय श्री राधे श्री राधे जपते रहो।
hamari virasat
बहुत बहुत शुक्रिया आपने अपने जीवन की सत्य घटना को शेयर किया। कभी कभी हमारे जीवन की सिख औरो को भी सिख दे जाती है। सही कहा अपने जो भी हमारे पास हैं वो सबकुछ श्री राधा रानी की दया से श्री गिरिराज जी ने ही तो दिया हैं।
हमें हमेशा भगवान का शुक्रगुजार होना चाहिए। आज जो हमारे पास है वह श्री राधा रानी की कृपा से ही है।(we should have to always thankful to god. what we have today that is the only from grace of Shri Radha Rani.)
श्री राधे
Yogendra singh chhonkar
ब्रज के आपके अनुभव प्रभु कृपा का फल हैं। यहां कदम कदम पर दिव्य अनुभूति होती है। ब्रज की लीलास्थलियों के बारे में मैंने अपनी वेबसाइट पर भी कुछ लिखा है। आप पढ़कर अपनी राय दें। मैं बरसाना में ही रहता हूँ अगर यहां के बारे में किसी भी स्थान या घटना के बारे में कोई जानकारी चाहते हैं तो अगवत कराएं। मैं उसके बारे में लेख लिखकर आपको उपलब्ध कराऊंगा।
hamari virasat
बहुत-बहुत धन्यवाद आपका बहुत जल्द हम आपसे संपर्क करेंगे !
Karuna
Radhe radhe, Jai shri radhe
hamari virasat
Radhe radhe
Praveen kumar
Radha maa mujhe apna beta samajh ke apni sharan me le lo Radha Radha Radhaballabh
Taniya
Radhe Radhe Shri Radhe
hamari virasat
Shri radhe
Roopa
Radhe Radhe
DEVESH KUMAR
Radhe Radhe
hamari virasat
radhe radhe