प्रेम का असली मतलब – जिसे आज की दुनिया भूल रही है

प्रेम का असली मतलब – जिसे आज की दुनिया भूल रही है

“I love you” – ये तीन शब्द आज हर किसी की ज़ुबान पर हैं, लेकिन क्या हमें वाकई समझ है कि प्रेम होता क्या है?

आज की दुनिया में प्रेम की परिभाषा इतनी बदल चुकी है कि अब वह असली दिल से निकलने वाली भावना नहीं रही — वह अब चैटिंग ऐप, इंस्टा स्टोरी, रिलेशनशिप स्टेटस और “seen ✅” तक सिमट गई है।

आज का प्रेम कैसा हो गया है?:-

  • 2 दिन में रिश्ता बनता है, 3rd दिन “space चाहिए” और 4th दिन ब्रेकअप!
  • लोग अब किसी को समझने नहीं, बस चलाने के लिए रिश्ता बनाते हैं।
  • “लव” अब इमोशनल कनेक्शन नहीं, एक ट्रेंड बन गया है।

लेकिन असली प्रेम क्या होता है?:-

प्रेम वो है…

🔸 जो expectation से नहीं, समर्पण से होता है।
🔸 जो दिखावे से नहीं, गहराई से होता है।
🔸 जो तुरंत जवाब नहीं, धैर्य मांगता है।
🔸 और सबसे ज़रूरी – जो तोड़ता नहीं, जोड़ता है।

भारतीय संस्कृति में प्रेम एक साधना है — श्रीकृष्ण और राधा की तरह, मीरा की तरह, जहाँ प्रेम में ईश्वर का अंश होता है, केवल एहसास नहीं।

तो फिर क्या गलत हो रहा है?

सोशल मीडिया ने रिलेशनशिप को प्रोजेक्ट बना दिया है।

लोग attention को love समझने लगे हैं।

प्यार अब सिर्फ रोमांस या चैटिंग में सीमित हो गया है।

और सबसे बड़ा झूठ – अगर कोई आपको time नहीं दे रहा, तो वह आपको प्यार नहीं करता – यह toxic सोच है।

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असली प्रेम को कैसे जियें?:-

पहले खुद से प्रेम करें। जब तक आप अपने आप से connect नहीं करेंगे, किसी और से सच्चा प्रेम नहीं कर पाएंगे।

गहराई को चुनें, quantity नहीं। 1000 followers से अच्छा है एक सच्चा साथी।

टाइम पास नहीं, टाइम देना सीखें।

सुनना, समझना और सहना – यही प्रेम के 3 मूल हैं।

याद रखो:

“प्रेम एक emoji नहीं, एक energy है।”
“जो तुमसे तुम्हारे flaws के साथ प्यार करे – वो असली प्रेम है।”
“Prem कभी forced नहीं होता, वो flow करता है।”

आज के दौर में जब रिश्ते फास्ट फूड बन चुके हैं, हमें slow, soulful, and spiritual love की ओर लौटना होगा।
जिस दिन हम प्रेम को स्वार्थ नहीं, सेवा, और फ्लर्ट नहीं, फीलिंग मान लेंगे — उस दिन ये दुनिया दोबारा प्रेम करना सीख जाएगी।

👉 HamariVirasat.com पर हम यही प्रयास कर रहे हैं — प्रेम को उसकी असली जगह और गरिमा वापस दिलाने का।

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