Srila prabhupada pranam mantra-प्रभुपाद प्रणाम मंत्र

Srila prabhupada pranam mantra-प्रभुपाद प्रणाम मंत्र

यहाँ परम पूज्य श्री ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के लिए प्रार्थना मंत्र(prabhupada pranam mantra) दिया गया है। प्रणाम मंत्र का जाप करने का उद्देश्य प्रभुपाद की दया प्राप्त करना है जो हमारे हृदय को शुद्ध कर सकते हैं और मन को कृष्ण की ओर ले जा सकते हैं।

Prabhupada Pranam Mantra क्या है?

Prabhupada Pranam Mantra श्रील ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद जी को समर्पित एक पवित्र मंत्र है। यह मंत्र श्रद्धा, कृतज्ञता और आभार व्यक्त करने के लिए प्रतिदिन भक्तों द्वारा उच्चारित किया जाता है।
श्रील प्रभुपाद जी ने विश्वभर में कृष्ण भक्ति और भागवत धर्म का प्रचार किया और लाखों लोगों को श्रीकृष्ण के दिव्य प्रेम से जोड़ा।

Srila prabhupada pranam mantra:-

नमः ॐ विष्णु पादय, कृष्ण पृष्ठाय भूतले, 

श्रीमते भक्ति वेदांत स्वामिन इति नामिने ।

नमस्ते सरस्वते देवे गौर वाणी प्रचारिणे, 

निर्विशेष शून्य-वादी पाश्चात्य देश तारिणे ।।

In english:-nama om vishnu-padaya krishna-preshthaya bhu-tale,
srimate bhaktivedanta-svamin iti namine.
namas te sarasvate deve gaura-vani-pracarine,
nirvisesha-sunyavadi-pascatya-desa-tarine.

prabhupada pranam mantra मंत्र का अर्थ:

मैं भगवान कृष्ण के अत्यन्त प्रिय परम कृपालु श्री ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद को सादर प्रणाम करता हूँ, जिन्होंने उनके चरण कमलों में शरण ली है। हे आध्यात्मिक, आप जो भगवान चैत्य महाप्रभु के संदेश का कृपापूर्वक प्रचार करते हैं तथा निराकारवाद और शून्यता से भरे पश्चिमी देशों का उद्धार करते हैं, आपको हमारा सादर प्रणाम है। prabhupada pranam mantra in hindi

Srila prabhupada pranam mantra youtube video

Panch-tattva Pranaam Mantra (पंच-तत्व प्रणाम मंत्र):-

जय श्री कृष्ण चैतन्य, प्रभु नित्यानंद,
श्री अद्वैत, गदाधर, श्रीवास आदि गौर भक्त वृन्द ।।

jaya sri-krishna-caitanya prabhu nityananda,
sri-advaita gadadhara srivasadi-gaura-bhakta-vrinda.

मंत्र का अर्थ:

मैं उन परम भगवान किरिष्ण को प्रणाम करता हूँ, जो भक्त, भक्तिमय अवतार, अभिव्यक्ति, शुद्ध भक्त और भक्तिमय ऊर्जा के रूप में अपनी विशेषताओं से भिन्न नहीं हैं।

Shri Krishna Pranaam Mantra (श्री कृष्ण प्रणाम मंत्र):-

हे कृष्ण करुणा-सिंधु, दीन-बन्धु जगत्पते । 
गोपेश गोपिकाकान्त राधाकान्त नमोस्तुते ॥ 

he krishna karuna-sindho, dina-bandho jagat-pate.
gopesa gopika-kanta, radha-kanta namo’stu te.

मंत्र का अर्थ:

हे मेरे प्यारे कृष्ण, दया के सागर, आप दुःखी लोगों के मित्र और सृष्टि के स्रोत हैं। आप ग्वालों के स्वामी और गोपियों, विशेषकर राधारानी के प्रेमी हैं। मैं आपको सादर प्रणाम करता हूँ।

Mantra (2):-

namo brahmanya-devaya, go-brahmana-hitaya ca.

jagad-dhitaya krishnaya, govindaya namo namah.

नमो ब्रह्माण्ड दवाये, गो ब्राह्मण हिताय च ।

जगत धिताय कृष्णाय, गोविन्दाय नमो नमः॥ 

मंत्र का अर्थ:

हे प्रभु, आप गौओं और ब्राह्मणों के हितैषी हैं, तथा आप सम्पूर्ण मानव समाज और विश्व के हितैषी हैं।

Radha Rani Pranaam Mantra (राधा रानी प्रणाम मंत्र):-

tapta-kancana-gaurangi, radhe vrindavanesvari.
vrishabhanu-sute devi, pranamami hari-priye.


तपत-कांचन गौरांगी, राधे वृन्दावनेश्वरी ।
वृषभानु सुते देवी, प्रणमामि हरी प्रिये ॥

मंत्र का अर्थ:

मैं राधारानी को प्रणाम करता हूँ, जिनका शारीरिक रंग पिघले हुए सोने के समान है और जो वृंदावन की रानी हैं। आप राजा वृषभानु की पुत्री हैं और भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय हैं।

Shri Vaishnava Pranaam Mantra (श्री वैष्णव प्रणाम मंत्र):-

वांछा-कल्पतरूभयशच कृपा-सिंधुभय एव च ।

पतितानाम पावने भयो वैष्णवे नमो नमः ॥

मंत्र का अर्थ:

मैं भगवान के सभी वैष्णव भक्तों को सादर प्रणाम करता हूँ। वे कल्पवृक्षों के समान हैं जो सभी की इच्छाओं को पूर्ण कर सकते हैं, तथा वे पतित बद्धजीवों के प्रति करुणा से भरे हुए हैं।

Shri Chaitanya Mahaprabhu Pranaam Mantra (श्री चैतन्य महाप्रभु प्रणाम मंत्र):-

नमो महा-वदान्याय, कृष्ण प्रेम प्रदायते।
कृष्णाय कृष्ण चैतन्य, नामने गोर-तविशे नमः ॥

मंत्र का अर्थ:

हे परम उदार अवतार! आप स्वयं श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु के रूप में प्रकट हुए कृष्ण हैं। आपने श्रीमती राधारानी का स्वर्णिम रंग धारण किया है, और आप कृष्ण के शुद्ध प्रेम को व्यापक रूप से वितरित कर रहे हैं। हम आपको सादर प्रणाम करते हैं। prabhupada pranam mantra

Prabhupada Pranam Mantra का महत्व

  1. यह मंत्र गुरु और शिष्य परम्परा को याद कराता है।
  2. इसे जपने से मन शुद्ध होता है और भक्ति का भाव बढ़ता है।
  3. भक्त अपने हृदय में श्रील प्रभुपाद के प्रति आभार महसूस करते हैं।
  4. यह मंत्र हमें कृष्ण भक्ति के मार्ग पर स्थिर और दृढ़ बनाता है।

Prabhupada Pranam Mantra का लाभ

  • मानसिक शांति और एकाग्रता मिलती है।
  • कृष्ण चेतना में प्रगति होती है।
  • गुरु की कृपा प्राप्त होती है।
  • जीवन में आध्यात्मिकता और सकारात्मक ऊर्जा आती है।

अधिक जानकारी और पूर्ण विवरण पढ़ने के लिए देखें:
🔗 Srila Prabhupada Pranam Mantra in English

श्रील प्रभुपाद के जीवन के सकारात्मक बिंदु:-

विश्व स्तर पर कृष्ण भक्त‍ि का प्रचार

  • प्रभुपाद जी ने अकेले ही 1965 में अमेरिका जाकर कृष्ण चेतना आंदोलन (ISKCON) की शुरुआत की और इसे पूरे विश्व में फैलाया।

आध्यात्मिक ग्रंथों का अनुवाद

  • उन्होंने भगवद् गीता, श्रीमद्भागवतम् और चैतन्य चरितामृत जैसे ग्रंथों का अंग्रेज़ी में अनुवाद कर विश्वभर के लोगों तक उपलब्ध कराया।

सरल भाषा में आध्यात्मिक शिक्षा

  • उन्होंने कठिन संस्कृत शास्त्रों को सरल भाषा में समझाकर आम जनमानस तक पहुँचाया।

भक्ति योग की स्थापना

  • प्रभुपाद जी ने केवल मंदिर निर्माण ही नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में सत्संग, जप, कीर्तन, प्रसाद, और सेवा को जोड़कर भक्ति योग का व्यावहारिक रूप दिया।

युवाओं को प्रेरित किया

  • पश्चिमी देशों के युवाओं को जो नशा और भौतिक सुखों में खोए हुए थे, उन्हें भक्ति मार्ग की ओर आकर्षित किया।

अंतर्राष्ट्रीय भाईचारे की भावना

  • ISKCON ने दुनिया भर में कृष्ण भक्तों को एक परिवार की तरह जोड़ा। प्रभुपाद जी का संदेश था – “हम सब कृष्ण के शाश्वत सेवक हैं।”

सादगी और त्याग का आदर्श

  • 70 वर्ष की आयु में उन्होंने अमेरिका जाकर कठिन संघर्ष किया। सीमित साधनों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपने संकल्प से विश्व आंदोलन खड़ा किया।

सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण

  • उन्होंने वेद, उपनिषद, और पुराणों की शिक्षाओं को आधुनिक समाज तक पहुँचाकर भारतीय संस्कृति और अध्यात्म को सुरक्षित किया।

करुणा और प्रेम का संदेश

  • प्रभुपाद जी हमेशा यह सिखाते थे कि “वास्तविक सुख केवल ईश्वर-प्रेम से ही मिलता है।”

स्थायी विरासत

  • आज उनके द्वारा स्थापित ISKCON विश्व के 100 से अधिक देशों में मंदिरों, गोशालाओं, स्कूलों और सांस्कृतिक केंद्रों के रूप में जीवित है।

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