
मैथिली बिहारी सोहर गीत- rajan ji maharaj bhajan lyrics sohar geet
मैथिली और बिहारी लोकसंगीत परंपरा में सोहर (sohar geet) का विशेष महत्व है। बच्चे के जन्म पर गाए जाने वाले ये गीत न केवल आनंद और उल्लास का प्रतीक हैं, बल्कि इनमें लोकविश्वास, पारिवारिक प्रेम और भगवान की स्तुति भी झलकती है। आज भी गाँव-गाँव में हजना (सोहर) गाकर परिवार और समाज नवजात शिशु के स्वागत का पर्व मनाते हैं। इसी परंपरा को कई संतों और भजन गायक जैसे पुज्य राजन जी महाराज ने अपने भजनों और सोहर पुस्तक (Sohar Book) में संजोकर जीवित रखा है। उनके भजन लिरिक्स (Rajan Ji Maharaj Bhajan Lyrics-sohar geet) में लोकधुन और भक्ति का अद्भुत मेल मिलता है, जो आधुनिक पीढ़ी को भी हमारी जड़ों से जोड़ता है।
राजन जी महाराज द्वारा गाया गया-बबुआ हमर DM होईहे:-Sohar geet
हमरा बुझाता बबुआ DM होईहे,
नाना जी कहता DM होईहे।
राजा जी कहता CM होईहे,
बबुआ हमर PM होईहे।
बबुआ हमर महाराज होईहे,
राजा धीरज होईहे।
ललना सिरवा पर ताज होईहे,
मुखुट माड़ी पोखराज होईहे।
चमक चंद सितारा होईहे,
अंखियन के तारा होईहे।
ललना इनका से जग उजियारा होईहे,
कुलक दुलारा होईहे।
बबुआ हमर फूलवाँ होईहे,
बागनक रस भुलवाँ होईहे।
मइया के अंचरा के शोभा होईहे,
दादी-नानी के दिलवा होईहे।
पड़ोसी सभ बधइयाँ देलकै,
गाम-गाम गूंजलै रे।
ढोलक-झांझर बाजय सब,
सोहर गीत गूंजलै रे।
भगवानक किरपा सँ आयलै,
सुख-शांति बरसैलै रे।
घरक दीपक जललै,
मंगल रस बहलै रे।
पुत्र जन्म सोहर-sohar geet:-
अंगना गूंजल बधाइयाँ रे,
ललना जनमल बौआ रे।
ढोलक बाजय, मंजीरा बाजय,
मंगल गीत सब गावय रे।
सोना सन चमकय रूपक,
बउआ जनमल देवक रे।
सपना सच भेल मैया के,
घर-आंगन महकय रे।
दादी कहय – हमर वंश रक्षक,
नाना कहय – घरक भाग्य रे।
सब घर आँगन गीत गूंजय,
भेल मंगल के दिन आजु रे।
सुनि-सुनि सब नाचय-बजावय,
भेल नगरिया में उत्सव रे।
कन्हैया सन जन्म भेल जे,
सोहर गूंजल चौतरफा रे।
कन्या जन्म सोहर-sohar geet:-
ललना जनमल घर उजियारल,
मंगल दीप सब जलल रे।
धन्य भेल मइया, लक्ष्मी अइली,
घर-आंगन महकय रे।
सोनहि झलकल मुखड़ा कनिया,
नैनन में चमक तारा रे।
गाम-ग्राम सब गीत गाबय,
नाचे नारी-संसारा रे।
बाबू कहय – हमर गौरव बनल,
मैया कहय – घरक आभा रे।
धिया सन पूत भाग्य लखल,
बिनु धिया अधूरा जीवन रे।
सखी-सहेली आयल बधइया,
गावल गीत सब पंक्ति रे।
कन्या अइली मंगल लेलै,
सोहर गूंजल गाम-गाम रे।
दादी-दादी के हजना गीत-sohar geet:-
हजना गीत (Hajna Geet) बिहार और मिथिला क्षेत्र की लोकपरंपरा से जुड़ा एक विशेष सोहर गीत है।
- “हजना” का अर्थ है नवजात शिशु के जन्म पर गाया जाने वाला गीत।
- ये गीत प्रायः महिलाएँ मिलकर गाती हैं जब घर में बेटा या बेटी का जन्म होता है।
- इसमें खुशी, मंगलकामना, ईश्वर की स्तुति, दादी-नानी का उल्लास और बच्चे के भविष्य की शुभकामना* व्यक्त की जाती है।
दुलरूआ नातिन जनमल रे,
दादी मन हरषायल रे।
ढोलक बाजल, गीत गूंजल,
घर-आंगन महकायल रे।
गोदी में खेलय, अंचरा में झुलय,
दादी हँसी सँ झुलायल रे।
नातिन देखी मन बहलल,
जीवन रस सँ सजायल रे।
दुलरूआ नातिन जनमल रे,
दादी मन हरषायल रे।
गाम-गाम से लोग अइला,
बधइया गीत सब गायल रे।
लड्डू-पेड़ा सब बंटलै,
मंगल दीपक जगायल रे।
दुलरूआ नातिन जनमल रे,
दादी मन हरषायल रे।
नानी कहय – हमर सुग्गा बनल,
दादी कहय – तोहर फूल रे।
नातिन संग घर बसल रहय,
सोहर गूंजय सब कूल रे।
दुलरूआ नातिन जनमल रे,
दादी मन हरषायल रे।
भगवान-स्तुति वाला सोहर:-
जय-जय भोला, जय-जय पार्वती,
तोहर कृपा सँ जनमल रे।
ललना के कोखि सँ बउआ आयल,
घर-घर मंगल गायल रे।
राम-लखन सन रूप देखल,
सब मन मोहरल रे।
श्यामक छवि झलकय बउआ में,
सुख-शांति सब भरल रे।
जय-जय भोला, जय-जय पार्वती,
तोहर कृपा सँ जनमल रे।
देवी-देवता आयल बधइया,
गगन में बाजल बंसी रे।
अंगना महकय फूलक सुगंध,
हरषल दादी-नानी रे।
जय-जय भोला, जय-जय पार्वती,
तोहर कृपा सँ जनमल रे।
सोहर गूंजय नगरी-नगरी,
भक्ति रस सब बरसल रे।
भगवानक लीला देखी-देखी,
गाम-गाम हर्षायल रे।
जय-जय भोला, जय-जय पार्वती,
तोहर कृपा सँ जनमल रे।
माता-पिता के आशीर्वाद सोहर:-
बेटा तोहर जीवन सुखी हो,
तोहर नाम अमर रहय रे।
मइया-बाबू आशीष देत,
घर-आंगन सुख भरल रहय रे।
नयनक तारा, हृदयक लाल,
तोहर यश सब गाबय रे।
पढ़ल-लिखल बनब विद्वान,
गाम-ग्राम उजियारय रे।
बेटा तोहर जीवन सुखी हो,
तोहर नाम अमर रहय रे।
धन-धान्य सँ भरल रह घर,
सुख-शांति सँ जीवन सजय रे।
सोहर गूंजय जनम-जनम धरि,
मंगल दीपक जगमग रहय रे।
बेटा तोहर जीवन सुखी हो,
तोहर नाम अमर रहय रे।
जीवनक पथ सुगम बनय,
सुख-दुख सब टारि रहय रे।
माता-पिता के आशीष सँ,
भाग्य तारा चमकय रे।
बेटा तोहर जीवन सुखी हो,
तोहर नाम अमर रहय रे।
भगवान के आशीर्वाद वाला-(जन्म पर देवताओं का आह्वान):-
आजु हमार आंगन उजियार भ’ गेल,
ललना के रोवनिया गीत गूंजि गेल।
अइली माता लक्ष्मी, आशीष बरसैली,
बालकन के सुर में गगन बाजैली।
भोरे-भोरे गवाँई सब गावे,
“राम-राम-राम” बोलि जगावे।
गावै भौजी, देवरानी संग,
जय श्रीराम, जय गोपाल के रंग।
नव कनक-दीप जले कोठरी भीतर,
देव-सुंदर आवै बनि पितर।
सोहर गूँजे मात-पिता के घर,
जन्मलन लाल बनि रघुनंदन कर।
कृष्ण अवतार वाला ((बालक को गोपाल मानकर गाना)):-
कन्हैया जन्मल आजु घर-आँगन,
बजै बांसुरी, बाजै मृदंगन।
यशोदा-मैया बधाई गावे,
नंदलाल के झूला सजावे।
“सोहर-हो सोहर, नंदघर आनन्द”
गावै ग्वालन, बाजै मृदंग।
शंख बजे, घनघोर नगारा,
आइल कान्हा मोर ललन प्यारा।
ललनवा के रूप अद्भुत लागे,
हरि स्वरूप घर भीतर जागे।
जय कन्हैया, गोपालन धनि,
राखिहS बालक, सुनs जग जननि।
रामावतार स्मरण वाला-sohar geet:-
(बालक को रामावतार मानकर मंगलगान)
सुनहु-ऐ माता, घर अयोध्या बनि गेल,
रामचंद्र आजु नवजन्मल कहि गेल।
सोहर गावे नर-नारी सब मिल,
जन्मलन लाल जगतपाल कहि खिल।
भरत-शत्रुघ्न आशीष देवे,
माता कौशल्या हर्ष सनेह देवे।
राम-नाम गुण गावै सब गाम,
भवसागर तरिहS ई बालक नाम।
गावहु सोहर, बाजावहु झाल,
राम-लला आएलन, मिटल दुख जाल।
बनी ई बेटा सबके आधार,
सोहर-हो सोहर, जय श्रीराम।
देवी आशीर्वाद वाला
(नवजात को माता भगवती का आशीर्वाद)
आजु के दिन माता दुर्गा आवली,
झूला झुलावै, सुत के सजावली।
ललना के चरण में दीप जलाई,
सिंहिनी माता लाल सुरक्षित करि लाई।
सोहर गावे काकी-बुआ,
मंगल गावे जेठानी-दुआ।
बोलैं सब, “जय भवानी-माई”,
बालक-ललनवा जीवन सुख पाई।
गावहु देवी-भक्ति रस-गीत,
बालक बनै परिवार के प्रीत।
सोहर-हो सोहर, मंगल धुन,
लाल हवे माता के वरद-तनु
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