यु तो हर कण कण में भगवान का निवास है। फिर वो स्थान जहाँ भगवान दिव्य शक्तियों का निवास स्थान होता है। उसे मंदिर कहते है। जहाँ जाकर मन को शांति सुकून मिलता है और भटके मन को एक राह मिलता है।