पुरुषोतम मास माहात्म्य/अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 31
Adhik Mas chapter-31 सूतजी बोले:- हे विप्रो! नारद मुनि इस प्रकार पतिव्रता के धर्म को सुनकर कुछ
Adhik Mas chapter-31 सूतजी बोले:- हे विप्रो! नारद मुनि इस प्रकार पतिव्रता के धर्म को सुनकर कुछ
Adhik Mas Chapter-30
नारदजी बोले
:-
हे तपोनिधे! तुमने पहले पतिव्रता स्त्री की
Adhik Mas chapter-29
पुण्यशील-सुशील बोले
:
हे विभो! गोलोक को चलो, यहाँ देरी क्यों
Adhik Maas chapter-28
श्रीनारायण बोले
:-
चित्रगुप्त धर्मराज के वचन को सुनकर अपने
Adhik Mas chapter- 27 श्रीनारायण बोले:- इस प्रकार कह कर मौन हुए मनीश्वार बाल्मीकि मुनि को
Adhik mas chapter-26 अब उद्यापन के पीछे व्रत के नियम का त्याग कहते हैं। बाल्मीकि मुनि बोले –
Adhik Mas chapter-25 दृढ़धन्वा बोला:- हे ब्रह्मन्! हे मुने! अब आप पुरुषोत्तम मास के व्रत करने
Adhik Mas chapter-24
मणिग्रीव बोला
:-
हे द्विज! विद्वानों से पूर्ण और सुन्दर
Adhik Mas chapter-23 दृढ़धन्वा राजा बोला – हे मुनियों में श्रेष्ठ! हे दीनों पर दया करने वाले!
Adhik Mas chapter-22 दृढ़धन्वा राजा बोला – हे तपोधन! पुरुषोत्तम मास के व्रतों के लिए विस्तार