हमारी विरासत का एक अभिन्न अंग है जयपुर का मदन मोहन करौली मंदिर है। जिसका ऐतिहासिक महत्व अपने आप में बहुत खास है। भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित मदन मोहन जी (madan mohan ji karauli) का मंदिर राजस्थान की राजधानी जयपुर से 182 किलो मीटर दक्षिण पूर्व में करोली जिला में है। करौली में स्थित मदन मोहन मंदिर अपने आप में ऐतिहासिक महत्व रखता है। ये दिव्या प्रतिमा मदन मोहन जी की दिव्यता से भरी हुए है। कहते है मदन मोहन जी की प्रतिमा मूल रूप से वृंदावन में कालीदह के पास द्वादशादित्य टीले से प्राप्त हुई थी। वृंदावन पर औरंगजेब के हमले के दौरान मूल मंदिर का शिखर ध्वस्त किया गया था। मुगलों के आक्रमण के समय सुरक्षा की दृष्टि से मूर्ति को जयपुर ले जाया गया था।
56 तरह के व्यंजनों का लगता है भोग :-
मदन मोहन जी (madan mohan ji karauli) को दिन में सात बार भोग लगाया जाता है। उन्हें मिष्ठान काफी प्रिय है। उनके भोग में मुख्य है- दोपहर को राजभोग और रात को शयनभोग। शेष पांच भोगों में मिष्ठान्न आदि रहता है। इसमें मालपुआ, रसगुल्ले जैसी मिठाइयां होती हैं। खास मौकों पर मदन मोहन जी को 56 तरह के भोग लगाए जाते हैं। इसमे कई प्रकार के पकवान होते हैं। इसके लिए बड़ी तैयारी की जाती है।
मदन मोहन जी की विशेषताये (madan mohan ji):-
प्रातः 5 बजे मंगला आरती, 9 बजे धूप आरती, 11 बजे श्रृंगार आरती, दोपहर 3 बजे धूप आरती एवं सायं 7 बजे संध्या आरती की जाती है।
मंदिर का सबसे प्रबल एवं मूलाधार उत्सव मदन मोहन जी का मेला है जो अमावस्या पर आयोजित किया जाता है।
मंदिर में आयोजित जन्माष्टमी, राधा अष्टमी, गोपाष्टमी एवं हिंडोला उत्सवों में सैलानी भी बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।
मंदिर का सबसे प्रबल एवं मूलाधार उत्सव मदन मोहन जी का मेला है जो अमावस्या पर आयोजित किया जाता है।
ये मंदिर मध्ययुगीन कला को बहुत ही बेहतर ढंग से दर्शाता है ।
मदन मोहन मंदिर का समय (madan mohan temple timings):-
मंदिर प्रातः 5 बजे से रात्री 10 बजे तक खुला रहता है।
राजभोग 11.30 बजे और पटमंगल 12 बजे। संध्या कालीन सेवा समय में बाढ़ा आरती 6 बजे, धूप आरती 6.20 बजे, संध्या आरती 6.40 बजे,उल्लई झांकी 7 से 7.30 बजे, शयन आरती 8 बजे और पटमंगल रात्रि 8.30 बजे।
वहीं तेज सर्दी के मौसम में प्रात: कालीन सेवा समय में प्रातः मंगला आरती 5 बजे, धूप आरती 10 बजे,श्रृंगार आरती 10.30 बजे,राजभाग आरती दोपहर 12 बजे, राजभोग पटमंगल अपरान्ह 12.30 बजे।
संध्या कालीन सेवा समय में बाढ़ा आरती सायं 5.30 बजे, धूप आरती सायं 5.50 बजे, संध्या आरती सायं 6.10 बजे,उल्लई झांकी सायं 6.30 से 7 बजे तक,शयन आरती रात्रि 7.30 बजे और शयन पटमंगल रात्रि 8 बजे होते हैं।