कितनी आसानी से हम गंगा जल का उपयोग कर लेते है लेकिन इसके पीछे भगीरथ जी का कितना बड़ा त्याग है। उनका किया गया एक त्याग आज न जाने कितनो को तृप्त करता है। इसलिए गर्व कीजिये अपनी संस्कृति पे और पूर्वज के किये गए त्याग समर्पण पे उन्होंने आने वाले पीढ़ियो के लिए सोचा। गंगा को साफ रखना हम सभी का कर्तव्य है क्युकी गंगा केबल जल पानी नहीं बल्कि माँ है देवी है। जो भाव से जायेगा वो भाव पायेगा और जो भाव के बिना है उसके लिए तो हर कण में सिर्फ आभाव ही आभाव है।