बिहारी जी के लिए एक भक्त का बहुत ही प्यारा भाव
हे बिहारी जी
भीड़ में भी सुकून मिलता है
शोर में भी शांति मिलती है
हे बिहारी जी आपके दरबार की तो बात ही निराली है
तेरे दर पर आकर फकीर भी खुद को बादशाह समझता है
जिसे कभी किसी ने ना चाहा हो वह तेरी चाहत पाकर मचलता है
जहां आकर अकेलापन का पर्दा सदा के लिए उठ जाता है
हे बिहारी जी आपके दरबार की तो बात ही निराली है
Read More