श्री बांके बिहारी जी मंदिर(banke bihari temple history in hindi)

श्री बांके बिहारी जी मंदिर(banke bihari temple history in hindi)

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Description

श्री बांके बिहारी जी का मंदिर वृंदावन (banke bihari temple vrindavan) में स्थापित है वह अपने आप में ही अद्भुत है और अपने साथ कई सारे रहस्य को समेटे बैठा हैश्री बांके बिहारी जी का मंदिर किसी ने बनाया नहीं अपितु बिहारी जी की यह प्रतिमा श्री स्वामी हरिदास जी के द्वारा संगीत साधना से प्रकट की गई है।  कहते हैं।

श्री बांके बिहारी जी की प्रतिमा एक मूरत नहीं वह साक्षात श्री कृष्णा भगवन श्री राधा रानी के साथ उपस्थित है हर रोज ना जाने कई चमत्कार होते हैं। सभी भक्तों के साथ कहते हैं।  उन्हें देखने के लिए सिर्फ नेत्र ही काफी नहीं है उनके दर्शन के लिए प्रेम भाव होना चाहिए। ..banke bihari temple history in hindi, banke bihari mandir timing, banke bihari mandir, banke bihari,

श्री बांके बिहारी जी का प्राकट्य(banke bihari temple history in hindi):-

श्री बांके बिहारी जी का प्राकट्य बहुत ही अद्भुत है श्री स्वामी हरिदास जी के प्रेम भाव ह्रदय से समर्पण ने बात सिद्ध कर दिया. श्री स्वामी हरिदास जी(swami haridas ji) का जन्म राधा अष्टमी(Radha Ashtami) के दिन हुआ था और कहते है वो ललिता सखी के अवतार थे वही ललिता सखी जो राधा रानी कृष्णा भगवन की सखी थी. श्री स्वामी हरिदास जी के बचपन से ये बात सिद्ध भी होती है.

किसी ने सच ही कहा है भक्त के बस में है भगवन

बचपन से ही ध्यान और ग्रंथों में रूचि:-

क्यूंकि उनका बचपन से ही ध्यान और ग्रंथों में रूचि अधिक थी और कृष्णा भगवान से उनका स्नेह भी अधिक था जबकि उनकी उम्र के अन्य बच्चे व्यस्त खेल रहे थे। हरिदास(swami shri haridas) युवा सांसारिक सुख से दूर रहे और ध्यान पर केंद्रित हो गए। हरीमती जी के साथ समय से ही उनकी शादी हो गयी पर वो  बिलकुल ही अलग थे स्वामी हरिदास जी सांसारिक सुख से कोई मोह माया नहीं था। और बहुत जल्द हरीमती जी समझ गयी उनका प्रेम प्रभु के प्रति बहुत है. धीरे धीरे समय बीता और वो दिन आ गया जब श्री स्वामी हरिदास जी वृन्दावन के लिए निकल पड़े

निधिवन से स्वामी हरिदास जी का सम्बन्ध :-

उस वक़्त वृन्दावन घना जंगल था एक निर्जन स्थान चुना, जिसे अब निधिवन के रूप में जाना जाता है, अपने संगीत का अभ्यास करने और ध्यान की अनन्त आनंद का आनंद लेने के लिए। नित्य वृन्दावन में नित्य रास और नित्य बिहार में उन्होंने लगातार और लगातार ध्यान दिया। साधना का उनका तरीका भगवान की स्तुति में गीतों को लिखना और गाते थे। धरती पर रहते हुए, एक नश्वर राज्य में रह रहे थे,
उन्होंने नित्य बिहार में अपने नियमित रूप से अबाधित प्रवेश की सुविधा दी और भगवान की निकटता की खुशी का आनंद उठाया। उन्होंने निर्वाण के प्रवेश द्वार के रूप में निधिवन में एक निर्जन और घने वन क्षेत्र, कुंज को चुना और ज्यादातर वहां बैठे थे, अनन्त आनंद के महासागर निधिवन में गायन, ध्यान और नाम संकीर्तन  करते थे।

  • कहते है जब श्री स्वामी हरिदास जी संगीत साधना से बांके बिहारी जी को रिझाते थे तो उस निधिवन का हर एक डाल भक्ति रास में श्री राधा कृष्णा प्रेम में झूम उठता था पुरे निधिवन में एक अद्भुत प्रकाश फैला रहता था| कई लोग आते थे देखने ऐसा क्या है .
  • जिसके लिए श्री स्वामी हरिदास इतने दीवाने रहते है जिसके रूपों का वर्णन करते रहते है. उस वक़्त केबल स्वामी जी को बांके बिहारी जी के दर्शन होते थे क्यूंकि उनकी भक्ति वंहा तक पहुँच गयी थी जंहा भक्त और भगवान के बीच में कोई पर्दा नहीं रहता.
  • पर कोई कुछ नहीं देख पता था क्यूंकि देखने के बजाय वे सभी उज्ज्वल तीव्र प्रकाश से अंधे से हो जाते थे

जो पूरे जगह में फैली रहती थी सबने उनसे निवेदन किया की उन्हें भी दर्शन करने है बांके बिहारी जी के तो सबकी करुण पुकार सुनकर सबकी ह्रदय की वेदना स्वामी जी सेहन नहीं हुए और स्वामी जी ने युगल सरकार से विनती करी जिस छठा का मैं दर्शन करता हूँ उनका दर्शन सब करना चाहते है हे युगल सरकार कृपा करके आप प्रकट हो जाये सबके लिए जिसे की सभी आपका दर्शन कर सके और अपना जीवन सफल बना सके |

कहते है की प्रभु के भक्त का ह्रदय होता ही माखन की तरह है करुणा और दया करने के लिए हमेशा तैयार रहते है इतना सुनते ही युगल सरकार राधा कृष्ण प्रकट हो गए सभी भक्तो के बीच मैं लेकिन राधा रानी की सुंदरता इतनी आकर्षक और इतनी दिव्य थी की सभी मोहित हो रहे थे और किसी की नज़रे युगल सरकार पे से नहीं हट रही थी | फिर श्री स्वामी हरिदास जी ने निवेदन किया हे राधा रानी आपकी चमक को सामान्य लोग नहीं सेहन कर पाएंगे कृपा करके कुछ कीजिये बस भक्त की एक बिनती की जरुरत थी राधा-कृष्णा दोनों एक हो गए और बांके बिहारी जी के रूप में प्रकट हो गए
आज आप जो श्री बांके बिहारी जी का दर्शन करते है वो राधा कृष्णा वो युगल जोड़ी सरकार की ही है बांके बिहारी जी के मुख से और पूरे शरीर से जो कांति जो चमक आती है वो श्री राधा रानी है

बिहारी जी का दर्शन:-(banke bihari temple images and darshan)

श्री बांके बिहारीजी(banke bihari temple) के आकर्षण और सुंदरता का एकमात्र कारण है कि मंदिर में ‘दर्शन’ कभी भी निरंतर नहीं होता है, उनके छवि के सामने थोड़ी थोड़ी देर पे परदे खींचे जाते है क्यूंकि दूसरी मान्यता ये भी है की वो बांके बिहारी लाल बहुत नटखट है कोई सच्चे दिल से उनसे नज़रे मिला लेते है वो उनके साथ  ही चल जाते है  यह भी कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति श्री बांके बिहारीजी की आंखों में लंबे समय तक पर्याप्त नज़र रखता है, तो वह व्यक्ति स्वयं कि आत्म  चेतना में खो जाएगा।

बांके बिहारी जी की अनोखी कृपा(Precious Grace of Shri Bnake bihari ji):-

बिहारी जी के ना जाने  कितने ऐसे चमत्कार है जो आज भी कितने संतो और भक्तो की मुख से सुनाने को मिलता है जो भी उनके चमत्कारों को और उनकी कृपा के बारे  में सुनता है वो फिर खुद को रोक नहीं पता उनके दर्शन करने से | जो भी एक बार बांके बिहारी जी के दर्शन कर लेता है फिर तो वो हर बार खुद ही खींचा चला आता है वो हमारी सभी सच्ची इच्छा को पूरी करते है।

बिहारी जी की सेवा(Service of banke bihari ji):-

  • बिहारीजी की सेवा अपने तरीके से अद्वितीय है। यह हर दिन तीन भागों में किया जाता है,
  • अर्थात् श्रृंगार, राजभाग और शयन। जबकि श्रृंगार (जिसमें स्नान, ड्रेसिंग और मुकुट और हार जैसे आभूषणों के साथ सजावट शामिल है) और राजभाग (दावत) की अगली कमान में पेशकश की जाती है,
  • शयन सेवा (शयन का अर्थ है नींद) शाम को पेश किया जाता है। मंदिर में मंगला (प्रारंभिक सुबह) सेवा की परंपरा नहीं है।
  • स्वामी हरिदास ने मंगला सेवा की परवाह नहीं की, क्योंकि वे चाहते थे कि भगवान पूरी तरह आराम कर सके और सुबह उन्हें इतनी जल्दी गहरी नींद से परेशान नहीं करना चाहता थे। क्यूंकि पूरी रात्रि वो निधिबन में गोपियों के साथ रास नृत्य करते है
  • तो, आज मंदिर अपनी पूर्ण महिमा के साथ है, जिसमें भगवान स्वयं रहते हैं हजारों की संख्या में भक्त रोज़ इनकी दर्शन को आते हैं

प्रसाद और माला (Prasad and Mala):-

बिहारी जी(banke bihari ji) के लिए जो भक्त प्रसाद लेकर जाता है वो है गाय की दूध से बना जैसा पेड़ा रावडी जो की आपको मंदिर के आस पास आसानी से मिल जायेगा। वैसे तो आप जो भी अपनी श्रद्धा से ले जाओ बिहारी जी स्वीकार करते है ये प्रसाद आप किसी पंडित जी को देकर भोग लगवा सकते है और आपकी अगर कुछ दक्षिणा या कुछ सेवा देनी है तो दे सकते है मंदिर परिसर के बाहर आपको बहुत से फूल माला मिलेंगी जिसमे लाल गुलाब ,गेंदा और तुलसी जी का माला मुख्य रूप से मिलेगा।

समय मंदिर खुलने का(banke bihari temple timing):-

banke bihari temple vrindavan time table

AartiSummer(after Holi)Winter(after Diwali)
Darshan Time in Morning
Shringar Aarti
RajBhog Aarti
Darshan time in Evening
Shayan Aarti
07.45 a.m to 12.00 p.m
08.00 a.m
12.00 p.m
05.30 p.m to 09.30 p.m
09.30 p.m
08.45 a.m to 1.00 p.m
09.00 a.m
01.00 p.m
04.30 p.m to 08.30 p.m
08.30 p.m

दान सेवा (Donation):-

ये verified मंदिर है। इसपे जो official website है वो verified है। आप इस लिंक Banke bihari ji Org  पर जाकर सही जगह दान सेवा(donate to the temple) कर सकते है। दान सेवा हम इसलिए करते है क्योंकि हमें ईश्वर ने इस काबिल बनाया है की हम अच्छे काम में अपनी भागीदारी दे सके। आज हम युवा पीढ़ियों के पास इतना समय नहीं लेकिन हम सेवा करना चाहते है। ये सेवा मंदिर के ट्रस्ट और सेवा अधिकारियो द्वारा आसानी से मुमकिन हो जाती है।  मंदिर परिसर और ट्रस्ट समय समय पर जरूरत मंद लोगो की सेवा करती है। और साथ ही आपके दिए गए दान से मंदिर की प्रगति करते है जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।

मंदिर का असली सोशल मीडिया प्लेटफार्म(Official/original Social media platform of temple):-

यहां जितनी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म दिए गए हैं वह ओरिजिनल टेंपल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है हमारी छोटी सी कोशिश है जिससे (fraudness) धोखाधड़ी कम हो लोग मंदिर के वास्तविक सोशल मीडिया चैनल से जुड़े जिससे वह सही जानकारी प्राप्त कर सके और सही जगह डोनेशन कर सके सही जगह सारी जानकारी प्राप्त कर सकें इसीलिए आप से नर्म निवेदन है आप इस वेबसाइट पर दी गई सोशल मीडिया चैनल को ही फॉलो करें .
कृपया अगर आपको अधिक जानकारी चाहिए तो इस ऑफिसियल वेबसाइट https://www.bihariji.org/ पे विजिट करे और सभी जानकारी और सेवा के बारे  में जाने।

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके बिहारी जी की आरती ,चमत्कार और प्रार्थना को देख सकते हैं

श्री बांके बिहारी जी के चमत्कार  (banke bihari temple miracles)

बिहारी जी की प्रार्थना

श्री बाँकेबिहारी जी की आरती

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